Lecture
and Explanation of Reading to be covered:
Multimedia and Visual Sociology, Douglas Harper, 2012
Keywords: Multimedia and Visual Sociology, Social Media
and Sociology,
Paper: Society Through the Visuals
Course: BA Programme, Skill Enhancement Course 03
University of Delhi
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हिंदी में नोट्स (प्रमुख बिंदु)
Unit, 4, Sociology,
Multimedia and Hypermedia
Sub-unit/ Article 4.1
(A), Chapter 7
Course Structure
#1 Important Points to be kept in Mind While Studying the
Content
#2 Expected Outcome and Understanding of the Content
#3 General Introduction
#4 Lecture in Detail with Comment, Clarification, and
Explanation
इस लेक्चर में मल्टीमीडिया और
समाजशास्त्र, तथा सोशल मीडिया और समाजशास्त्र के बारे में संक्षिप्त बात की गई है.
< Lecture and Explanation>
इस चैप्टर में यह बताया गया है कि मल्टीमीडिया और विजुअल सोशियोलॉजी में क्या
सम्बन्ध है? यहां मल्टीमीडिया से
मतलब है विभिन्न प्रकार के मीडिया को एक साथ प्रयोग करना. जैसे किसी काम में
टेक्स्ट, फोटो, स्केच, ड्राइंग, ऑडियो, वीडियो, वेबसाइट/ इंटरनेट आदि
का एक साथ प्रयोग करना.
मीडिया साथ ही मल्टीमीडिया में आजकल सोशल साइट्स जैसे, यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, इन्स्टाग्राम, भी जुड़ गया है. इसके
साथ-साथ मेसेज भेजने के तकनीक में भी बदलाव आया है, जहाँ पहले ईमेल, के बाद मोबाइल से टेक्स्ट मेसेज आया, वहीँ आज व्हाट्सअप्प
आदि सर्विस भी है. इस चैप्टर में इसे समझाने के लिए विभिन्न उदाहरण भी दिया गया
है.
रिसर्च में विजुअल का क्या महत्व है वह पहले चैप्टर में बताया गया है. यहाँ
पुनः लिखना सिर्फ दुहराव होगा.
Drawing/ ड्राइंग
Page Number 151-153
ड्राइंग की एक विशेषता यह है कि यहां हम कल्पना का सहारा ले सकते हैं तथा इसे
छुपे हुए चीज भी दिखाया जा सकता है, जो फोटो में संभव नहीं है. आप इसे पेज नंबर १५२ और
१५३ पर उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं.
इस तकनीक का सहारा आज भी लिया जाता है खासकर क्लासरूम में बच्चो को
इंजीनियरिंग पढ़ाने के लिए. लेकिन आजकल कंप्यूटर एनीमेशन के द्वारा हम इसे और भी
अच्छी तरह समझा सकते हैं.
उदाहरण के लिए इस विडियो को देखें की कार इंजन कैसे काम करता है?
https://www.youtube.com/watch?v=EVkemCBtFY8
(नोट: आपके आर्टिकल में दिए गए उदाहरण का समाजशास्त्र या एंथ्रोपोलॉजी से कोई सम्बन्ध नहीं है. मेरे द्वारा दिए गए कार इंजन का भी कोई सम्बन्ध हैं. यह उदाहरण सिर्फ इसलिए दिया गया है कि आप समझ सकें कि स्केच या कंप्यूटर एनीमेशन के द्वारा हम किसी चीच को बेहतर तरीके से समझा सकते हैं. और इसे फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी के द्वारा नहीं समझाया जा सकता है.)
This lecture was delivered
during the Odd Semester (July to November) 2019 to the students of the
University of Delhi. Visit here for Syllabus and other lectures for BA
Programme, Skill Enhancement Course 03, Society Through the
Visuals.
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आग्रह: कुछेक जगहों पर हिंदी
टाइपिंग में कुछ अशुद्धियाँ हो सकती हैं, कृपया उसे इग्नोर करें.
Anil Kumar | Student
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