Lecture
and Explanation of Reading to be covered:
MacDougall, David. 2011.
‘Anthropological Filmmaking: An Empirical Art.’ in Sage Handbook of Visual
Research Methods, Eric Margolis & Luc Pauwels (eds), pp. 99-113
Keywords: Visual Anthropology, Anthropological
Filmmaking, Cinema and Social Science, Positioning Bias and Truth, The
Participatory Observation, Methodological Consideration, Research Relationship,
Filmmaking Behaviour, Filming Strategies, Mode of Reflexivity,
Paper: Society Through the Visuals
Course: BA Programme
Skill Enhancement Course 03
University of Delhi
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हिंदी में नोट्स (प्रमुख बिंदु)
Unit 3, Video and Film in
Sociology
Sub-unit/ Article 3.2
Course Structure
#1 Important Points to be kept in Mind While Studying the
Content
#2 Expected Outcome and Understanding of the Content
#3 General Introduction
#4 Lecture in Detail with Comment, Clarification, and
Explanation
इस लेक्चर को पढ़ने के बाद आप विभिन्न प्रकार के रिसर्च फिल्म के महत्व, उसके बनाने के तरीके, और बनाने के दौरान आने वाली दिक्कतों को समझ पाएंगे.
Word meaning
* Empirical = based on,
concerned with, or verifiable by observation or experience rather than theory
or pure logic. अनुभवजन्य, आनुभविक, प्रयोगसिद्ध, अनुभवसिद्ध
Theoretical
Considerations/ सैध्यांतिक महत्त्व
Visual Anthropology
and Writing/ विसुअल/ दृश्य एंथ्रोपोलॉजी और लेखन
एंथ्रोपोलॉजिकल फिल्म में हम टेक्स्ट का भी उपयोग करते हैं क्योकि जिस तरह से टेक्स्ट कि एक लिमिट है उसी तरह विजुअल की भी एक लिमिट है. यह स्क्रीन पर विजुअल डिस्क्रिप्शन के रूप में होता है.
Anthropological
Filmmaking as a Process/ एंथ्रोपोलॉजीकल फिल्म मेकिंग एक प्रोसेस के रूप में
आज एंथ्रोपोलॉजिकल फिल्म मेकिंग महत्वपूर्ण होने के साथ बहुआयामी भी हो गया है. क्योकि अब समाज पर बहुत से एलिमेंट प्रभाव डाल रहे हैं जैसे भूमंडलीकरण (globalization), विस्थापन (migration), लैंगिक (gender), भावना (emotion), व्यक्ति (individual), सामूहिक पहचान (group identity), और दृश्य संस्कृति (visual culture). इन सबके साथ-साथ एनी कारणों के कारण फिल्म बनाने के लिए एक रिसर्च की जरुरत होती है. रिसर्च की जरूरत इसलिए भी होती है कि आज फिल्म को ज्ञान के स्रोत भी माना जाता है जो कि पहले सिर्फ प्रिंट पब्लिशिंग के रूप में ही जाना जाता था. फिल्म मेकिंग समाज को देखने का एक तरीके है यहाँ नजरिया (view/ perspective) का भी महत्व है. एंथ्रोपोलॉजीकल फिल्म मेकिंग और दुसरे एंथ्रोपोलॉजीकल रिसर्च में एक बहुत बड़ा अंतर है, फ़िल्म बनाने और उसके पब्लिकेशन में बहुत कम दुरी का होना. क्योंकि फिल्म दोबारा शूट नहीं किया जा सकता है, उसे उसी समय शूट करना होता है जब घटना घटित हो रहा होता है. सिर्फ बाद में एडिट किया जा सकता है. जबकि दूसरे एंथ्रोपोलॉजिकल राइटिंग को बाद में लिखा जाता है और उसे एडिट किया जा सकता है.
Cinema and Social
Science / सिनेमा और सामाजिक विज्ञान
सिनेमा और समाज में क्या सम्बन्ध है इसपर समाज में लोग एक मत नहीं है. लेकिन इसपर सभी एक मत है कि सिनेमा कम या ज्यादा समाज को ही परिलक्षित करता है. समाज को ही दर्शाता है. जहाँ कमर्शियल सिनेमा में कल्पना का भी सहारा लिया जाता है. अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म में एक अलग रणनीति अपनाई जाती है ताकि उसके द्वारा समाज के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को समझा जा सके. अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म का एक उद्देश्य नए ज्ञान का निर्माण करना भी है.
Positioning, Bias,
and Truth/ स्थिति, पक्षपात, और सच्चाई
अन्थ्रोपोलोजिकल फिल्म मेकर का समाज और और जहाँ वह स्टडी कर रहा है वहां उसके स्थिति और जिसपर वह स्टडी कर रहा है उसक्से उसके संबंधो का स्टडी पर असर पड़ता है. यह स्थिति इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यही यह निर्धारित करता है कि वह क्या रिकॉर्ड करेगा और उसे किस दृष्टि से देखगा, और वह उसका निष्कर्ष कैसे निकालेगा? यह संभव है कि वह किसी समाज के बारे में पक्षपात विचार रखता हो और उस समाज के सच को न दिखाए. इसलिए एंथ्रोपोलॉजिस्ट से यह आशा की जाती है कि वह अपने रिसर्च में वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल करते हुए समाज के सच को दिखाएं और भेदभाव या पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम न करें.
The Participant
Observer/ सहभागी अवलोकन
अन्थ्रोपोलोजिकल फिल्म में वस्तुनिष्ठता (objectivity) का प्रश्न सबसे बड़ा प्रश्न है. लेकिन अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म मेकर सच्चाई को एक वस्तुनिष्ठता (single objective reality) के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं. उदाहरण के लिए किसी अनुष्ठान (ritual) में क्या वस्तुनिष्ठता हो सकता है? यह किसी रिवाज, और प्रतीक (symbol), के संरचना (structure) का एक हिस्सा है, जिसका अर्थ उसके करने वाले के फीलिंग में छुपा है. यह ऐसा ही है. लेकिन फिल्म बनाने वाले को यह चुनना होगा कि वह किस पहलू (aspect) और परिप्रेक्ष्य (perspective) को चुनता है. यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्तिपरक (subjective) और वस्तुनिष्ठता (objectivity) एक दुसरे का विकल्प नहीं है. हमें रिसर्च में इसे संतुलित करना होता है, और हर फिल्म मेकर इसे अपने तरीके से करता है.
इसके अनुसार एक सवाल उठा खड़ा होता है कि फिल्म बनाने समय फिल्म बनाने वाले को अलग खड़ा होना चाहिए या उसके साथ संवाद करना चाहिए. अगर हम दूर खड़ा होतें हैं तो हम बिना किसी बाधा या व्यवधान के वास्तविकता को रिकॉर्ड कर सकतें हैं. लेकिन अगर हम उनके साथ घुलते मिलते हिं उनसे संवाद करते हैं तो इसका एक लाभ यह है कि हम संवाद के द्वारा उनसे कुछ सीख भी पातें हैं, संवाद के जरिए उनको बेहतर समझ पाते हैं.
अन्थ्रोपोलॉजिकल रिसर्च में कई कई विधियों को प्रयोग में लाया जाता है, जैसे दिन-प्रतिदिन के जिंदगी का अवलोकन (observation), सहभागिता (participation), informant के साथ interview, सांख्यिकी सर्वे (statistical survey) आदि. फिल्म मेकर भी इन्हीं विधियों में अपनी संभावनाओं को तलाशते हैं. Malinowski का सहभागी अवलोकन (participant observation) के इसका सर्वोत्कृष्ट (quintessential) उदाहरण है. लेकिन यहाँ एक सवाल उठता है कि कितना सहभागी, कितना अवलोकन और कैसे? यही सवाल अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म मेकर के लिए भी महत्वपूर्ण है.
Methodological
Considerations/ प्रणाली विज्ञान पर विचार
अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म मेकर फिलिमिंग मेथड और रिसर्च मेथड दोनों में शामिल होतें हैं. फिल्म बनाने के लिए उन्हें सामाजिक और टेक्नोलॉजी दोनों स्तरों पर शोध करना पड़ता है. इसके विभिन्न पहलू निम्नलिखित हैं -
- Prospective User/ संभावित उपयोगकर्ता/ संभावित उपभोक्ता
अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्म अन्य फिल्मों की ही तरह इस पर निर्भर करता है कि इसका संभावित उपयोगकर्ता या उपभोक्ता कौन है? अपने उपयोगकर्ता या उपभोक्ता के अनुसार वह अपने फिल्म का विषय, और पद्धति (methodology) तय कर करता है. इसमें कई संभावनाएं हैं. फिल्म मेकर किसी विशेष विषय पर ध्यान दे सकता है. वह कोई केस स्टडी कर सकता है, जिसमें कई variables (चरों) का वह प्रयोग और विश्लेषण कर सकता है. उदाहरण के लिए अगर वह किसी शिल्पकार (craftsperson) का वस्तुनिष्ठ फिल्म बनाता है तो उसके निम्नलिखित संभावनाएं हो सकती है -
(१) तकनीकी प्रगति को
दर्शाना,
(२) शिल्पकार के ज्ञान
और शिल्प को दर्शाता,
(३) उसके मेहनत को
दर्शाना,
(४) शिल्पकार के
व्यक्तित्व को दर्शाना,
(५) किसी काल खंड को
दर्शाना,
(६) किसी संवेदनात्मक (sensory) वातावरण को दर्शाना,
(७) सांस्कृतिक कार्य
पद्धति (cultural function) या कलात्मक परंपरा (artistic tradition) आदि को दर्शाना.
इस तरह हम देखते हैं कि एक ही वस्तु स्थिति का अर्थ इसके संदर्भ के अनुसार बदल
जाता है. यह बदलाव अन्थ्रोपोलॉजिकल फिल्मिंग के दिशा को भी बदल देता है.
फिल्म क्या बनाना है यह इस पर भी निर्भर करता है कि फिल्म बनाना कितना संभव है? उदाहरण के लिए नातेदारी-रिश्तेदारी को समझाने के लिए हम कितना और कैसे फिल्म बना सकते हैं? उदाहरण के लिए हंसी-मजाक (jocking relations) को दर्शाना.
- Crew and Collaboration/ कर्मीदल/ चालकदल और
सहकार्यता
- Research Relationship/ शोष सम्बन्ध
- Fieldwork and Filming/ क्षेत्रकार्य और फिल्म बनाना
- Filmmaking Behaviour/ फिल्म बनाने में व्यवहार
- Camera Modes/ कैमरा मोड
- Filming Strategies/ फिल्म बनाने की रणनीति
- The Cinematic Triangle/ सिनेमाई त्रिकोण
(१) फिल्म मेकर और
दर्शक के बिच का सम्बन्ध,
(२) फिल्म मेकर और विषय
के बिच का सम्बन्ध, और
(३) फिल्म के विषय और
दर्शक के बिच का सम्बन्ध.
(१) फिल्म मेकर और
दर्शक के बिच का संबंध उसके फिल्म के प्रकार से हैं कि दर्शक किसी विशेष फिल्मकार
के क्या आशा कर सकते हैं? फिल्म मेकर किसी फिल्म
को बनाने में कितना रिसर्च करता है या फिर वह प्रचलित धारणाओं को ही दिखाता है
इससे भी दोनों के बीच के सम्बन्ध निर्धारित होते हैं. क्या फिल्म के जरिए वह समाज
को कुछ नया दे रहा है? यह भी महत्वपूर्ण है.
- Modes of Reflexivity/ स्वतुल्यता के प्रकार
(२) दूसरा, एक दूसरा अन्तर्निहित रिफ्लेक्सीविटी यह है कि कौन सा दर्शक फिल्म के प्रति ज्यादा sensitive है. यह फिल्म मेकर के रिसर्च और व्यक्तिगत व्यवहार पर मुहर है.
- The Experience of Individuals/ व्यक्ति के अनुभव
उदाहरण के लिए यहाँ दो डॉक्यूमेंट्री फिल्म के उदाहरण दिए गए हैं. यह
एंथ्रोपोलॉजिकल भी है. आप इसे देखें और कमेंट करें. यह जादूगोड़ा में रहने वाले
आदिवासियों के ऊपर बनाई गई फिल्म है. जादूगोड़ा में युरेनियम निकलता है, जिससे परमाणु बम और
परमाणु इंधन बनता है.
(१) https://twitter.com/AClasslessClass/status/1197907719375618051
(२) https://twitter.com/AClasslessClass/status/1197908089397116930
ऊपर दिए डॉक्यूमेंट्री को देखें, और समझने की कोशिश करें कि विजुअल का क्या महत्व है? क्या उन परिस्थितियों
को विजुअल के बिना समझाया जा सकता था?
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Anil Kumar | Student of Life World
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